AKTU के कुलपति प्रो प्रदीप कुमार मिश्र ने एक अखबार को दिए एक इंटरव्यू में यह बताया की भविष्य में छात्रों को पढाई करने का माध्यम हिंदी और अंग्रेजी दोनों को चुनाव करने का अवसर दिया जायेगा |
इस प्रश्न के उत्तर में की हिंदी माध्यम में बीटेक करने वाले छात्रों को क्या प्लेसमेन्ट में दिक्कत नहीं आएगी ?
इस प्रश्न के उत्तर में कुलपति ने बताया की द्विभाषीय होने से प्लेसमेंट में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी | बीटेक प्रथम वर्ष के बाद द्वितीय वर्ष में भी छात्रों के पास दोनों विकल्प रहेगा की वह पढाई का माध्यम क्या चुनते है हिंदी अथवा अंग्रेजी | हिंदी माध्यम के छात्रों को पुस्तक उपलब्ध करवाने का भी सुझाव दिया गया है |
AKTU द्वारा अगर यह व्यवस्था लागु की जाति है तो इससे हिंदी भाषी या उत्तर प्रदेश बोर्ड से पास होने वाले छात्रों का न सिर्फ आत्मविश्वास बढेगा जिससे वह अपनी झिझक छोड़ अब बीटेक जैसे तकनिकी पाठ्यक्रमो में प्रवेश लेने में अब जादा सहज महसूस करेंगे |
जहाँ इस निर्णय से कुछ पक्षों में ख़ुशी की लहर है वहीँ कुछ लोगों में इस बात को लेकर चिंता है की सॉफ्टवेर जैसे पाठ्यक्रमों में अंग्रेजी की जरुरत को नाकारा नहीं जा सकता और फिर कंपनिया भी अपने इंटरव्यू जादातर अंग्रेजी में ही लेती है |
यदि देखा जाये तो हिंदी माध्यम में अध्ययन में शुरूआती दिक्कत तो आ सकती है लेकिन लम्बे समय यह देश को स्वावलंबन की दिशा में ले जायेगा क्योंकि जापान , जर्मनी जैसे देशों में तकनिकी शिक्षा उनकी अपनी भाषा में दी जाती है | और इसका उनकी गुणवत्ता पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता |